Madhepura:महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार एवं जिलाधिकारी के निदेशानुसार बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सशक्त बनाने के लिए जिला स्तर के सभी पदाधिकारी, कर्मियों, स्कूल की छात्राएं, विकास मित्र के साथ साथ कई कर्मियों को विज्ञान भवन दिल्ली से लाइव प्रसारण के माध्यम से होने वाले बाल विवाह मुक्त अभियान से जोड़ा गया। इस दौरान उप विकास आयुक्त अवधेश कुमार आनंद द्वारा उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए शपथ दिलाया गया। उप विकास आयुक्त मधेपुरा द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और कानून का उल्लंघन है जो बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास में बाधा है तथा उनके सपनों को साकार होने से रोकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी रश्मि कुमारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह जैसे कुर्तियां को रोकने हेतु सरकार द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 9 के अनुसार यदि 18 वर्ष से काम की आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से काम की आयु का लड़का का विवाह होता है तो वह बाल विवाह माना जाता है । इस अधिनियम के तहत बाल विवाह करने या कराने वाले को कठोर कारावास जिसके अंतर्गत 2 साल की जेल या एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है। इसके विशेष प्रचार प्रसार के लिए ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि, सभी स्कूलों, कॉलेज के प्रिंसिपलों, शिक्षक, छात्राओं, विधिक सेवा पर प्राधिकार, सेविका, आशा, जीविका दीदी को जागरूक किया जा रहा है।
कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अभिषेक कुमार के साथ-साथ कई छात्राएं एवं कर्मी मौजूद थे।