*कॉलेज की स्थापना ट्रस्ट या एनजीओ करती है, बायलॉज और नियमावली से ही होता है कॉलेज का संचालन
*जन सुराज पार्टी के मालिक नहीं हैं प्रशांत किशोर, निबंधित पार्टी भी बायलॉज और नियमावली से ही चलेगी
ANA/Indu Prabha
Khagaria:फरकिया के लाल बिहार सरकार के पूर्व राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल के बिहार में निरंतर बढ़ते क़दम और लोकप्रियता से हताश होकर जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर द्वारा डॉ दिलीप जायसवाल पर अनर्गल एवं झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को खराब करने का प्रयास (सोशल मीडिया द्वारा) किया जा रहा है, जो घोर निंदनीय है। उक्त बातें, बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन अरविन्द वर्मा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कही। आगे उन्होंने कहा क्या, कोई भी एक व्यक्ति किसी कॉलेज का संस्थापक हो सकता है ?
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किसी कॉलेज की स्थापना ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा ही होती है। हर ट्रस्ट का अपना संविधान होता है। ट्रस्ट की निबंधित बायलॉज एवं नियमावली के अनुसार ही कॉलेज का संचालन होना है। जहां तक मुझे जानकारी मिली है कि कॉलेज के अध्यक्ष आज भी सरदार बलवंत सिंह रामूवालिया हैं। माता गुजरी मेडिकल कॉलेज सिख समुदाय का है और सिख समुदाय का ही रहेगा। क्योंकि अल्पसंख्यक कॉलेज है। ट्रस्ट और कॉलेज प्रबंधन के पदाधिकारी और सदस्य समय समय पर बदलते रहे हैं। आगे अरविन्द वर्मा ने कहा जिस प्रकार जन सुराज एक राजनीतिक पार्टी बनी, जो चुनाव आयोग द्वारा निबंधित हुई। तो क्या, जन सुराज पार्टी के मालिक प्रशांत किशोर हो गए ? ऐसा नहीं। हर पार्टी का अपना अपना संविधान, बायलॉज और नियमावली होती है। उसी के अनुसार सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को चलना होता है। आगे अरविन्द वर्मा ने कहा इसलिए डॉ दिलीप जायसवाल पर यह आरोप लगाना कि कॉलेज को उन्होंने हड़प लिया वो सरासर गलत और झूठा आरोप है। डॉ जायसवाल ने अपने कार्यकलापों और मानवता के साथ सच्चे सेवक के रूप में अपने आपको सीमांचल क्षेत्र में स्थापित किया जो कबीले तारीफ़ है।