*आख़िर कौन है गिट्टी और शराब कारोबारी ? पूछती है खगड़िया की जनता कब होगा पर्दाफाश ?
ANA/Arvind Verma
Khagaria:कमाल हो गया, गिट्टी लदे बड़े ट्रक में शराब का सैकड़ों कार्टून बरामद हुआ। आखिर कौन है गिट्टी का कारोबार करने वाले जो बालू गिट्टी व्यवसाय के आड़ में शराब माफिया बनकर धड़ल्ले से करोड़ों करोड़ रुपए की कमाई कर रहे हैं ? इस माफिया के पीछे किन किन सफेद पोश नेताओं का हाथ है जो पर्दे की आड़ में शराब माफिया से मिलकर इस धंधे को फैलने और फूलने में खुल कर मदद कर रहे हैं। बिहार में शराब बंदी है। कैसी शराब बंदी ? बड़े बड़े दस चक्का, 2o चक्का ट्रकों में भर भर कर दूसरे राज्यों से शराब की बड़ी बड़ी खेप खगड़िया में आ रही है। इसकी खपत भी हो रही है। इसमें बाईक सवार लड़कों की मदद भी ली जा रही है। इस धंधे में लिप्त लड़के ने अपना नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशन के रूप में संबंधित अधिकारियों तक हर महीने के पूर्व में ही पहुंचा दिया जाता है। ज़िले के आला अधिकारियों को भी सब कुछ मालूम है, मगर शराब माफिया जैसे मगरमच्छ को छेड़ने की हिम्मत उनमें नहीं रहती है। क्योंकि ऐसे अधिकारी खुद मोटी मोटी रकम की अदायगी कर मालदार कुर्सी हासिल करते हैं। शांति पूर्वक कामना चाहते हैं। सोचते हैं, कौन इस लफड़े में पड़े।
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किस गिट्टी व्यवसाई ने ट्रक से गिट्टी मंगवाया। किस ट्रक वाले ने तहखाने में छुपाकर गिट्टी लड़े ट्रक में शराब को खगड़िया लाया। गिट्टी और शराब की डिलीवरी किसे करनी थी ? इन लोगों का ढूंढने और तहकीकात करने की आवश्यकता है। हाथ कंगन को आरसी क्या ? अब तो प्रमाण मिल गया, शराब माफियाओं और सफेद पोश नेताओं की बेनकाब करते हुए गिरफ़्तार करने की आवश्यकता है। देखते जाए आगे आगे होता है क्या ? क्या कारवाई की जाती है ? कौन कौन पकड़े जाते हैं ? वैसे पुराना इतिहास रहा है कि छोटी छोटी मछलियां ही पकड़ी जाती है। बड़ी बड़ी मछलियों की तरफ़ देखने पर उन्हें डर बना रहता है। फिर भी आम जनता तो जरूर जानना चाहेगी कि शराबबंदी वाले बिहार में सुशासन की सरकार में ऐसा क्यों हो रहा है?