रिपोर्ट : रंजन कुमार
बीसवीं सदी के महान संत ब्रह्मलीन परम पूज्यपाद महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 138वीं जयंती उनके शिष्यों के द्वारा रविवार को सहरसा जिले के पतरघाट प्रखंड के सखोरी गांवों में धूमधाम से मनाया गया। महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के तैल चित्र को रथ में रखकर जय घोष के बीच शोभा यात्रा निकाला गया। इसके बाद शिष्यों ने उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मालूम हो की साखोरी गांव निवासी प्रो रमेश कुमार यादव के घर पर प्रात: कालीन स्तुति विनती व भजन कीर्तन के साथ सामूहिक ध्यान अभ्यास किया गया वही प्रवचन के दौरान बैद्यनाथ बाबा ने महर्षि मेही परमहंस जी महाराज के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उसे निज जीवन को उतारने के लिए कहा ताकि भौतिकवादी इस मोह माया की भवर जाल से मुक्ति मिलकर मोक्ष की प्राप्ति हो सके बीसवीं सदी के महान संत परम पूज्यपाद महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरू महाराज के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही सदगति की प्राप्ति हो सकती है उन्होंने कहा कि गुरू महाराज सभी संप्रदाय का सम्मान करते हुए सबको एक सूत्र में बांधकर सम्मलित संतमत नाम दिया।
आत्मा व परमात्मा का ज्ञान जन जन तक पहुंचाए। जयंती के मौके पर संकल्प ले कि सत्संग के साथ ध्यानयोग कर जीवन को सफल बनाए। उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को धन्य धन्य करें। वहीं बीच-बीच में प्रो रमेश यादव की अगुवाई में भजन कीर्तन से सत्संग प्रेमी सरोवर होते रहे। कार्यक्रम के अंत में भंडारा का भी आयोजन किया गया.