Madhepura:विश्व के महान संत एवं दार्शनिक ब्रह्मलीन संत सत्यानंद काग बाबा की जयंती संत काग आश्रम (मुख्यालय) जानकी टोला साहूगढ़ में हर वर्षं की भांति बड़े ही हर्षोल्लास से मनाई गई. जिसमें उनके हजारो शिष्य एवं श्रद्धालुओं ने माग लिया.संत सत्यानंद काग बाबा अपनी ऊँची साधना एवं ईश्वरीय अनुभूति के आधर पर आठ प्रकार के पुस्तकों की रचना की जो गद्म एवं पद्म में रचित है. इस जन्मोत्सव के अवसर पर संत बाबा ज्ञान मार्ग के प्रधान संचालक ब्रह्मवक्ता प्रो. विष्णु महराज ने काग बाबा दर्शक की व्याख्या करते हुए काग बाबा भारतीय (सनातन) दर्शन की अस्पष्टता को स्पष्ट एवं अपूर्णता को पूर्ण करता है. उन्होंने काग बाबा दर्शन की विद्वतापूर्ण व्याख्या करते हुए मानव जीवन को महत्वपूर्ण बताया. बुद्धि और हाथ पाकर ही मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्राणी है. जिसे प्रामाणिक ज्ञान पाकर सफल बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आत्मा एवं परमात्मा दोनों एक ही सत्ता के दो नाम है. परमात्मा जो शरीर के अंदर स्थित में है. संबोधन आत्मा के रूप में की जाती है. इसलिये आत्मा एवं परमात्मा के मिलन की बात ऋरिपूर्ण है. काग बाबा दर्शन की दुःख नहीं है. तार्किक व्याख्या करते हुए कहा कि इस विषय पर काग बाबा की लिखित पुस्तक संत काग बाबा सूत्र विश्व के महान दर्शन के रूप में जाना जाता है. प्रो. विष्णु महाराज ने कहा राग, मन का एक विकार है, अतः मन को शुद्ध करना ही वैराग्य है, गृह त्याग नहीं. वैराग्य से मन की शक्ति ईश्वरी दिशीय होने के कारण आनंद की अनुभूति होती है. इस अवसर पर ब्रह्मचारी इंद्रनारायण बाबा ने मानव जीवन में ज्ञान हुए कहा कि सगुण के बिना निर्गुण की प्राप्ति असंभव है और निर्गुण ज्ञान के बिना ज्ञान अधूरा है. उन्होंने ज्ञान के पहले विश्वास वस्तुतः विश्वास नहीं अंधविश्वास है. मौके पर जयप्रकाश बाबा, डॉ योगेंद्र महतो, अरविंद कुमार, कृतनारायण यादव, जगदीश, डॉक्टर अशोक कुमार, मनोज कुमार सहित अन्य लोगों ने अपने विचार प्रकट किए. वहीं संत काग बाबा की वाणी एवं भजनावली से मनोज राजा, गजेंद्र कुमार, संतोष राजा, प्रभाष कुमारी, सुष्मिता भारती एवं बृजेश कुमार ने भजनों की प्रस्तुति दी.
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Madhepura:महान संत एवं दार्शनिक ब्रह्मलीन संत सत्यानंद काग बाबा की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई
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Amit Kumar
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