संवाददाता/रंजीत सिंह
Madhepura:युवा शक्ति छात्र परिषद के छात्र नेता अजीत यादव ने कहा कि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के अधीन इंटर कॉलेज क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर जो घटनाएँ सामने आई हैं, वह विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करती हैं। LNMS कॉलेज बीरपुर के प्राचार्य राजीव सिन्हा द्वारा अपनाया गया रवैया न सिर्फ खेल भावना के खिलाफ है, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। पिछले वर्ष की चैंपियन टीम होने के बावजूद पार्वती साइंस कॉलेज को केवल व्यक्तिगत ईगो और दुर्भावना के कारण बाहर कर दिया गया, जो विश्वविद्यालय के इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है।
अजीत यादव ने कहा कि मैंने स्वयं, बतौर कप्तान और छात्र प्रतिनिधि, इस पूरी अनियमितता की जानकारी बार-बार विश्वविद्यालय प्रशासन को दी, लेकिन विश्वविद्यालय ने सुनना तो दूर—एक बार जवाब देना भी उचित नहीं समझा। इससे साफ है कि विश्वविद्यालय की पकड़ महाविद्यालयों पर खत्म हो चुकी है। जब दो सरकारी संस्थान ही छात्रों के साथ अन्याय करें और विश्वविद्यालय चुप रहे, तो इससे बड़ी विफलता विश्वविद्यालय प्रशासन की कोई और नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि LNMS के प्राचार्य का यह तर्क कि “हम सिर्फ 10 टीम ही खेलवा सकते हैं,” यह भी जांच का विषय है। जब विश्वविद्यालय के अधीन तीन जिले और दर्जनों कॉलेज हैं, तब आयोजन ऐसे महाविद्यालय को क्यों दिया गया जो 10 टीम से अधिक संभालने में सक्षम ही नहीं? यह निर्णय ही बताता है कि इस पूरे आयोजन में पारदर्शिता नहीं, बल्कि मनमानी चली है। ऐसा लगता है जैसे खेल नहीं, बल्कि किसी व्यक्तिगत रोटी सेकने का अड्डा बना दिया गया है।
अजीत यादव ने कहा कि खिलाड़ियों के आधार-वेरीफिकेशन की मांग भी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि खेल में बाहरी खिलाड़ियों की मिलावट की शिकायतें लगातार आती रही हैं। यदि विश्वविद्यालय सही समय पर सख्त निगरानी रखता, तो आज यह स्थिति नहीं आती। लेकिन जब विश्वविद्यालय प्रशासन की पकड़ ही कमजोर हो, तो महाविद्यालय मनमानी करने लगते हैं और खेल मैदान राजनीति का अखाड़ा बन जाता है।
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उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय में जिस तरह छात्रों का शोषण और खेल के नाम पर भेदभाव हो रहा है, उसकी सीधी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की है। अगर विश्वविद्यालय सही समय पर कड़े कदम उठाता, तो LNMS कॉलेज का यह पक्षपातपूर्ण और अहंकारपूर्ण व्यवहार सामने ही नहीं आता।
अजीत यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय अब भी नहीं जागता और इस पूरे मामले पर तत्काल जांच नहीं करता, तो छात्र आगामी सभी इंटर कॉलेज खेल प्रतियोगिताओं का बहिष्कार करेंगे। हम मजबूरन विश्वविद्यालय मुख्यालय में भी धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। छात्रों के भविष्य, सम्मान और अधिकारों के साथ किसी भी कीमत पर खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।






