ANA/S.K.Verma
Khagaria:कलवार सेवक समाज के तत्वावधान में भगवान बलभद्र (श्री कृष्ण के अग्रज) एवं रेवती के विवाहोत्सव के अवसर पर हर्षोल्लास पूर्वक पूजन कार्यक्रम किया गया। उक्त अवसर पर कलवार सेवक समाज के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने भगवान बलभद्र एवं माता रेवती की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर समाज के सर्वांगीण विकास एवं कल्याण हेतु आशीर्वचन प्राप्त किया। डॉ अरविन्द वर्मा ने उपस्थित भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा महाराज रेवतक की पुत्री थी रेवती, जिनका जन्म दिव्य अग्नि से हुआ था।
सम्बंधित ख़बरें





विवाहयोग्य होने पर रेवती ने निश्चय किया कि मैं उसी से विवाह करूंगी जो विश्व में सबसे ज्यादा बलशाली होगा। राजा रेवतक ने सबसे ज़्यादा शक्तिशाली व्यक्ति की तलाश किया पर धरती पर उन्हें ऐसा नहीं मिला। वे इसके लिए ब्रह्मलोक गए। ब्रह्मा से पूछने पर उन्होंने राजा रेवतक से कहा धरती पर ही बलभद्र हैं, सबसे ज़्यादा शक्तिशाली व्यक्ति। बलभद्र से मिलने राजा पुनः धरती पर आए,तब तक सतयुग और त्रेतायुग दोनों ही गुजर गए थे। धरती पर लोग बहुत छोटे थे। रेवती बहुत लंबी थी, यह सोच राजा बोले यह बेमेल शादी होगी। इसपर बलभद्र ने कहा अब द्वापर युग का शुरुआत हुआ है। इतने में बलभद्र ने अपने हल को रेवती के सिर पर रखा और चमत्कार हुआ। रेवती बलभद्र से लंबाई में छोटी हो गई। तदोपरांत, भगवान बलभद्र एवं माता रेवती का विवाह सम्पन्न हुआ। विवाहोपरांत इलाके में जश्न मनाया गया था। आगे डॉ वर्मा ने कहा इससे हमें यह सिख मिलती है कि शादी विवाह एक संयोग है, जिसे विधाता ने जोड़ी बना दी है। लंबाई, गोराई, सुंदर , अतिसुंदर एक बहाना है। ईश्वर ने युगल जोड़ी जन्म काल में ही निर्धारित कर दिया है। यथा समय तक के लिए वर ,वधु पक्ष तबतक लड़का,लड़की ढूंढते रहते हैं जब तक दोनों युगल जोड़ी में बांधने का समय नहीं आता। लगन जगते ही विवाह सम्पन्न हो जाएगा। भगवान बलभद्र एवं माता रेवती के जयकारे के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। उक्त अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रमुख थे इन्दु प्रभा, बेला कुमारी, रेखा, मधु, अभिलाष, अरुण वर्मा, अनिल, अजय, राजा, अभिलाषा, दिलीप भगत, मनोज भगत, नूतन कुमारी,प्रेम कुमार, ज्ञान चंद भगत तथा अरविन्द भगत आदि।