*2024 में मधेपुरा जिला के प्रथम युवा रंगकर्मी विकास कुमार को प्रसार भारती एवं दूरदर्शन केन्द्र पटना से लोकनृत्य के क्षेत्र में बी ग्रेड प्राप्त हुआ*
*कला संस्कृति के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए रंगकर्मी विकास कुमार को कला संस्कृति श्रेष्ठ सम्मान 2024मिला*
Madhepura :जिले के सक्रिय युवा कलाकार और रंगकर्मियों ने जातें हुए साल 2024 को बेहतर और बेमिसाल साल बताया है कलाकारों ने कहा 2024 हम सबों के लिए सुखद और सुन्दर वर्ष रहा है। खासकर कला संस्कृति के क्षेत्र में जिले में कई नामी गिरामी और कई छोटी छोटी संस्थाओं ने अपने गीत संगीत ओर नृत्य नाटक के बेहतरीन मंचन करके जिले में सांस्कृतिक गतिविधियां बनायें रखीं। जहां इस साल दर्जनों से अधिक संस्कृति कार्यक्रम सरकारी और गैर-सरकारी में जिले कलाकारों ने अपनी शानदार उपस्थिति दी। लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय संस्थान संगीतालय और नृत्यालय संस्थान ने समय-समय पर गीत नृत्य और नाटक के लिए कार्यशाला आयोजित कर कला के प्रति नए प्रतिभा को प्रशिक्षित किया। इस वर्ष नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा द्वारा प्रायोजित रंग महोत्सव में सृजन दर्पण संस्था के रंगकर्मियों ने गीत नृत्य और नाटक के जरिए बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया गया। जबकि इसी संस्था के रंगकर्मियों ने जिला स्तरीय युवा उत्सव में भी समूह लोकनृत्य और नाटक -विधा में प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्यस्तरीय युवा उत्सव में बेहतरीन प्रस्तुति से अपने उपस्थिति दी।
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बताते चलें रंगकर्मी विकास एवं टीम सृजन दर्पण के रंगकर्मियों ने कई राज्यकीय एवं राष्ट्रीय महोत्सव और सेमिनार में अपने कला का संदेश मूलक प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध किया और सम्मान पाया। जिले के कलाकारों की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि पहली बार प्रसार भारती एवं दूरदर्शन केन्द्र पटना से लोकनृत्य के क्षेत्र में मधेपुरा जिले के रंगकर्मी विकास कुमार ने बी ग्रेड प्राप्त किया है। ग्रेड प्राप्त कर बिकास ने लोकनृत्य के क्षेत्र में प्रदेशभर में मधेपुरा जिला का माना बढ़ाया।2024 में संस्था सृजन दर्पण के रंगकर्मी निखिल यदुवंशी, सौरभ सुमन,हिमांशु कुमार, सोनू कुमार,शशि कुमार, रंजीत कुमार, भावेश कुमार,कमल किशोर यादव, आनंद कुमार,आरती आनंद, स्नेहा कुमारी, संध्या यादव, सोहानी कुमारी, मनिषा कुमारी, मौसम कुमारी, पिंकी कुमारी,दिव्या कुमारी अनु कुमारी और नायशी कुमारी आदि ने गीत संगीत नृत्य और नाटक के माध्यम से पूरे साल सांस्कृतिक गतिविधियों की वजह से मधेपुरा सहित अन्य जगहों के कलाप्रेमियों के दिलों में अपनी जगह और मजबूत कर ली। इसी के साथ 2024 अलविदा 2025 का स्वागत है।