Madhepura:बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से मधेपुरा में बहाल 55 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। न्यूनतम अर्हता नहीं रहने के कारण विभाग की ओर से इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) मिथिलेश कुमार ने 28 नवंबर को एक स्पष्टीकरण पत्र जारी किया है। इनमें से अधिकांश बिहार के बाहर के हैं।
जारी पत्र के मुताबिक 6 जुलाई और 12 अगस्त को अधोहस्ताक्षरी कार्यालय से पत्र जारी हुआ। बीपीएससी टीआरई वन में नियुक्त शिक्षकों के सीटीईटी में प्राप्तांक के आधार पर न्यूनतम अर्हता की जांच के लिए संबंधित कागजात की मांग की थी। शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण-पत्रों की कोटिवार जांच के बाद इन सभी की अर्हता निर्धारित मापदंड से कम पायी गई है।
राज्य के निवासियों को ही आरक्षण का मिलेगा फायदा
पत्र के अनुसार बीपीएससी विज्ञापन के आलोक में किसी भी प्रकार के आरक्षण का फायदा सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही दिया जाना है। बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से जारी दिशा निर्देश व विज्ञप्ति के आलोक में उच्च न्यायालय, पटना के निर्णय के बाद 15 मई को माध्यमिक शिक्षा निदेशक व 4 नवंबर को प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पत्र से स्पष्ट किया गया है। बिहार राज्य के बाहर महिला अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता के लिए पांच प्रतिशत का छूट देना नहीं होगा।
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ऐसे में इन सभी शिक्षकों से तीन दिनों के अंदर अपना साक्ष्य आधारित स्पष्टीकरण समर्पित करने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि क्यों नहीं अहर्ता पूर्ण नहीं करने के फलस्वरुप उनके नियुक्ति पत्र को निरस्त करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए। समयावधि में जवाब नहीं मिलने की स्थिति में यह माना जाएगा कि इस मामले में आपको कुछ नहीं कहना है। इस तरह विभागीय नियमानुसार सेवा मुक्त कर दी जाएगी।