Madhepura:फूड एण्ड सेफ्टी डिपार्टमेंट की जांच रिपोर्ट में हुए एमडीएम में गड़बड़ी की खुलासे के बावजूद बिहार और नई दिल्ली में स्कूली बच्चों को मिड डे मिल सप्लाई करने वाले एनजीओ पूर्वांचल समाज सेवा संघ का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया। बल्की इसके विपरीत 24 अगस्त 2024 को इसके लाइसेंस को फिर से रिन्यूअल कर दिया गया। जबकि 1 अगस्त 2024 को ही फूड एण्ड सेफ्टी डिपार्मेंट की आयी जांच रिपोर्ट में सम्बंधित एनजीओ पर अभियोजन दायर करने की सिफारिश की गयी थी। जांच रिपोर्ट में सम्बंधित विभाग ने जो खुलासा किया है वह चौंकाने वाला है। एनजीओ द्वारा सप्लाई किया जा रहा भोजन स्कूली बच्चों के ब्रेन, लिवर और प्रजनन तंत्र के लिए खतरनाक है। साथ ही उस भोजन को खाने से बच्चों को घेंघा रोग हो सकता है।
ऐक्टू ने इसका कड़ा विरोध किया है। जिला सचिव रामचंद्र दास ने कहा कि कुछ अमीरों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने जानबूझ कर राज्य के गरीब बच्चों के जीवन को संकट डाल दिया है। बिहार के 29 जिलों के 11 हजार विद्यालयों में एनजीओ के जरिये गरीब स्कूली बच्चों को एमडीएम की आपूर्ति की जाती है। हाल ही में खगड़िया में एनजीओ द्वारा सप्लाई एमडीएम में मेंढक और कीड़ा मिला था। गरीब घर के बच्चों के स्वास्थ्य की कीमत पर क्या बिहार सरकार चंद धनाढ्यों को लाभ पहुंचाती रहेगी? अपने कमीशन की खातिर यह सरकारी महकमा बच्चों के ब्रेन, लिवर और प्रजनन तंत्र आदि को कब तक डैमेज करता रहेगा। क्या बच्चों के जीवन से ऐसे ही खिलवाड़ होता रहेगा इस सामाजिक न्याय की सरकार में? उन्होंने कहा हमारी मांग है कि राज्य के सभी विद्यालयों के बच्चों को विद्यालय रसोइयों द्वारा पकाया हुआ ताजा और पौष्टिक भोजन परोसने की गारंटी हो। निर्धारित मानक के अनुसार बच्चों को भोजन मिले। विद्यालयों के बच्चों को बीमार बनाने वाला भोजन सप्लाई करने वाले एनजीओ का लाइसेंस अविलम्ब रद्द हो। संचालक पर चले मुकदमा। एमडीएम में गड़बड़ी के खुलासे के बावजूद एनजीओ का लाइसेंस रिन्यूअल कर बच्चों के जीवन से खेलने वाले अधिकारी को बर्खास्त कर जेल भेजा जाय।