Supoul:देश के विकास में मजदूरों, किसानों सहित सभी मेहनतकश वर्गों का महत्वपूर्ण योगदान है। इनकी उन्नति ही वास्तव में देश की प्रगति का सूचक है। लेकिन पिछले दस वर्षों में इनके जीवन का संकट, न सिर्फ बढ़ा है बल्कि बद से और अधिक बदतर होता जा रहा है। इनकी लगातार गिरती जा रही जीवन स्थिति में सुधार करने के लिए काम करने के बजाय सरकार बड़े पूंजीपतियों, कारपोरेट घरानों और बड़े भूस्वामियों के निहित स्वार्थों में काम करती और साम्राज्यवादी ताकतों के साथ सांठगांठ कर, मजदूर–किसान विरोधी नवउदारवादी नीतियों को लागू करती दिख रही है। इसके खिलाफ मजदूर – किसान लम्बे समय से संघर्ष कर रहें है किन्तु सरकार इनके न्यायपूर्ण मांगों की लगातार न सिर्फ अनदेखी कर रही है बल्कि अपने वादों को भी पूरा नहीं कर रही है।
संविधान दिवस के मौके पर 2020 में हुए किसानों के ऐतिहासिक संसद मार्च और मजदूरों की आम हड़ताल की 4थी वर्षगांठ के अवसर पर केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर सुपौल जिला मुख्यालय में जारी मजदूरों – किसानों के संयुक्त प्रदर्शन से, तीन माह के अंदर निम्नांकित मांगों को अविलम्ब पूरा करने की आशा करते हैं। समय सीमा के भीतर मांगों को पूरा नहीं किए जाने की स्थिति में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा बड़े पैमाने पर अनिश्चितकालीन और देशव्यापी संघर्ष के लिए मजबूर होंगे।
हमारी मांगें
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1. मजदूर विरोधी चार लेबर कोड्स को निरस्त किया जाए।
2. सभी फसलों की खरीद के साथ एमएसपी की कानूनी गारंटी की जाए।
3. किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए एक सर्वसमावेशी ऋण माफी योजना बनाई जाए और आम जनता के लिए खाद्य सुरक्षा की गारंटी की जाए।
4. बिजली क्षेत्र का निजीकरण न हो। कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर न लगायी जाय।
5. कॉरपोरेट कम्पनियों के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बंद हो। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाय।
6. फसलों, पशुधन, बागवानी सहित कृषि के अन्य क्षेत्र में सार्वजनिक बीमा योजना लागू की जाए।
7. आंगनबाड़ी, ममता, एमडीएम रसोइया सहित सभी योजनाकर्मियों एवं मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मासिक न्यूनतम मजदूरी / वेतन 26000/- रुपए लागू किया जाए।
8. साठ वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्ग व वृद्ध खेत मजदूरों एवं किसानों के लिए 10000/- रुपए की मासिक पेंशन योजना लागू की जाए।
9. सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगायी जाए। श्रम में ठेकेदारी प्रथा बंद किया जाय।
10. राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन को समाप्त किया जाए।
11. नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुराने पेंशन स्कीम को लागू किया जाए। भारतीय श्रम सम्मेलन प्रति वर्ष पुनः आयोजित किया जाए।
12. मनरेगा में 200 दिन काम और 600/- रुपये मजदूरी देने और इसे कृषि, पशुपालन और वाटर शेड आधारित योजना से जोड़ने की गारंटी की जाए।
13. बिहार में डी. बंद्योपाध्याय भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और उसकी सिफारिशों को लागू किया जाए।
14. भूमि हदबंदी से फाजिल, भूदान एवं सरकारी गैर मजरूआ जमीन से प्राप्त या बंदोबस्त किये गये जमीन को गांव के खेतिहर मजदूरों एवं गरीब किसानों को भूमि रेकार्ड में सुनिश्चित करने और भूमि सम्बन्धी सभी दस्तावेजों को हिन्दी में उपलब्धता की गारंटी करने तथा जमीन सम्बन्धी अशुद्धियों , गलतियों एवं अनियमितताओं के परिष्कार के बाद ही विशेष भूमि सर्वेक्षण के काम को आगे बढ़ाया जाए। आनन-फानन एवं जल्दबाजी में भूमि सर्वेक्षण का काम नहीं किया जाए।
15. बिहार में एपीएमसी कानून के तहत कृषि मंडी को पुनर्बहाल किया जाए।
16. बिहार में उचित जलप्रबंधन के जरिए बाढ़, जल जमाव एवं सुखाड़ की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। उत्तर कोयल एवं सोन नहर प्रणाली सहित तमाम सिंचाई परियोजनाओं का जीर्णोद्धार किया जाए।
17. वनाधिकार कानून 2006 को सख्ती से लागू किया जाए और वन क्षेत्र पर आदिवासियों के नैसर्गिक परम्परागत अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए। कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को बाघ अभयारण्य बनाने की प्रस्तावित योजना को रद्द किया जाए।
18. असंगठित व भवन निर्माण क्षेत्र के मजदूरों के जन कल्याण हेतु श्रम विभाग में संचित करोड़ों रुपए की राशि में हो रहे भ्रष्टाचार एवं धांधली की निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच करायी जाए और दोषियों को दण्डित किया जाए।
अभिवादन के साथ प्रतिनिधिमंडल
अरविंद कुमार शर्मा
जिला सचिव, एआईसीसीटीयू सुपौल
राजेश कुमार
जिला महासचिव,किसान सभा सुपौल
जितेंद्र चौधरी
जिला अध्यक्ष,अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा,सुपौल
शंभू शरण शर्मा
जिला सचिव, एटक सुपौल
निजाम अंसारी
जिला सचिव, सीटू ,सुपौल
सुरेंद्र चौधरी
जिला संयोजक, खेत मजदूर यूनियन,सुपौल
नीतू सिंह यादव
जिला सचिव,सीपीआईएम,सुपौल
उपेंद्र सादा
प्रखंड सचिव, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन,सुपौल
अरूण यादव
प्रखंड सचिव,सीपीआईएम,सुपौल
सदानंद राम
जिला संयोजक, बिहार विद्यालय रसोइया संघ सुपौल।